20 साल पहले टी. एन. शेषन (पूर्व चुनाव
आयुक्त) ने बहुत ही निर्भयता के साथ अपने अनुभव व्यक्त किये
थे कि देश की दुर्दशा के लिए तीन वर्ग सबसे अधिक खतरनाक हैं -
(1) राजनेता (2) पुलिस (3) पत्रकार।
ये तीनों मिलकर दोषी को निर्दोष और
निर्दोष को दोषी साबित कर सकते हैं।
क्या आज यह बिल्कुल सच साबित नही हो
रहा है ?
यह लोग आज न्यायतंत्र में भी अड़चन
डालते हैं व प्रजा को गुमराह करने में अपने पुजोर सामर्थका उपयोग भी कर रहे हैं।
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