क्रांति का बिगुल गुरुवर ने फिर आज बजाया है
धर्महानि के महादौर से सृष्टी को बचाया है
बनकर गवाही स्वयं बापू का इतिहास सदियाँ लिखेगी
युग प्रवर्तक की महिमा ये सारी दुनियाँ देखेगी !!
ये
चिराग ऐसे है जो आँधियों में जलते है तुम बुझा न पाओगे कह दो इन हवाओं से...
बापूजी
की महिमा जो नहीं जानता वो जानेगा! देर से जानने का अफसोस भी करेगा !
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