कितना घिनौना दुष्प्रचार ! कितनी घिनौनी राजनीति !
दुष्कर्म
नहीं हुआ और यह बात लड़की स्वयं बोलती है, उसकी
मेडिकल रिपोर्ट भी
बोलती है । मुँह दबाया हो ऐसी कहीं कोई
खरोंच भी लैबोरेटरी रिपोर्ट में नहीं
पायी गयी । फिर भी ‘दुष्कर्म है, दुष्कर्म
है…’ – ऐसा मीडिया का दुष्प्रचार
कितना घिनौना है !
कारण स्पष्ट है कि हमारे देश में न्यायालय
के समकक्ष मीडिया द्वारा ट्रायल चलाया जा रहा है, जिसमें
मीडिया खुद ही जाँच अधिकारी व न्यायाधीश बनकर
फैसला सुना रहा है ।
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