प्राचीनकाल
में राजघराने हुआ करते थे, ज़ाहिर है उन राजघरानों के कई काले कारनामे भी हुआ करते थे. उन
राजघरानों की परम्परा के अनुसार “एक परिवार” ही जनता पर अनंतकाल तक शासन किया करता
था. जब कभी इन राजघरानों अथवा उनके अत्याचारों के खिलाफ किसी ने आवाज़ उठाई या तो
उसे दीवार में चुनवा दिया जाता था, अथवा हाथी के पैरों तले रौंद दिया जाता
था….
आज
चाहे ज़माना थोड़ा बदल क्यों न गया हो, लेकिन “राजघरानों” की मानसिकता अभी भी
वही है, आधुनिक
कालखंड में बदलाव सिर्फ इतना आया है कि अब विरोधियों को जान से मारने की आवश्यकता
कम ही पड़ती है, उन
से निपटने और “निपटाने” के नए-नए तरीके ईजाद हो गए हैं.
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