न्यायिक
फैसला आने से पहले ही जेल भेज दिये गये एक निर्दोष संत को योग्य औषधोपचार एवं स्वास्थ्य
अनुकूल भोजन क्यों नहीं दिया जा रहा ?
कसाब
और टुंडा जैसे आतंकीयों को हर संभव सुविधाओंकी पूर्ति करनेवाला भ्रष्ट कारागृह
प्रशासन पू. बापूजीके संतत्वकी ओर देखकर तो दूर, उनकी आयुकी ओर देखकर भी उन्हें न्यूनतम
मानव अधिकार देना भी क्यूँ अस्वीकार कर रहा है ??
जो
लोग संत आसाराम जी बापू के मामले में
निरपेक्ष रूप से सोचते होंगे अब वे भी इस " संत द्वेषी व्यहार व अनथक मीडिया
ट्रायल " के चलते किसी गहरे षड्यंत्र की बू सूंघने लगे है ..
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