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Monday, 10 February 2014

पूज्य बापूजी निर्दोष है (Pujya Asaram Bapuji Is Innocent ) – 49



यदि हम वर्तमान भारत के नैतिक मूल्यों के पतन का कारण खोजें तो स्पष्टतः पता चलेगा की समाज आज महापुरुषों के उपदिष्ट मार्ग का अनुसरण करने की अपेक्षा इसकी पुनीत–पावन संस्कृति के हत्यारों के षड्यंत्रों का शिकार होकर असामाजिक ,अनैतिक तथा अपवित्रतायुक्त विचारों व लोगों का अंधानुकरण कर रहा है ।

निंदकों से एक प्रश्न - बापूजी 6 करोड़ साधकों को इतने वर्षों से साधना करा रहे हैं, क्या तुम 6 करोड़ लोगों की भीड़ जुटाकर अपने साथ लेकर इतने वर्षों तक चल सकते हो ?


निंदा एक प्रकार का तेजाब है वह देनेवाले की तरह लेनेवाले को भी जलाता है । 




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